नीम के पेड़ के फायदे व उसका उपयोग

नीम के पेड़ के फायदे व उसका उपयोग

दोस्तों नीम एक ऐसा पेड़ है जो अनेकों औषधीय गुणों से भरपूर है। नीम आयुर्वेद का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। नीम का पेड़ आसानी से सभी स्थानों पर मिल जाता है। इसका हमारे सामान्य जीवन में हेत उपयोग होता है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में लोग इसका बड़े स्तर पर उपयोग करते हैं। इसकी पत्तियों से लेकर इसके छाल और बीज (निबौरी) पर ही उपयोगी और प्रभावी होते हैं। इसके अलग अलग भागों का एक अलग परिवेश होता है। यह स्वाद में भले ही कड़वा हो लेकिन इससे होने वाले लाभ को कम करने में कोई फायदा नहीं है।

neem ke ped ke upyog
नीम के पेड़ के फायदे
नोट : नीम का अत्यधिक सेवन नपुंसकता ला सकता है, इसका उपयोग करने से पहले हमे इस बात का ध्यान रखना चाहिए। किसी भी बीमारी में नीम का उपयोग करने से पहले अपने डाक्टर की सलाह अवश्य ले। 

1. गंजेपन को रोकने में सहायक :

हमें अपने जीवन में कभी कभी तेजी से बालों का झड़ना ,टूटना जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जिसके कारण हम गंजेपन का शिकार हो जाते है। हमें गंजेपन का सामना हमारे शरीर में पोषक तत्वों की कमी आ जाना ,बालों के लिए अनेक प्रकार के तेलों का उपयोग करना व कुछ दवाओं के साइड इफ़ेक्ट्स से होता है। 

यदि आपको भी इस तरह की समस्या का सामना करना पड़ता है, तो आप नीम की पत्तियों के पानी का उपयोग कर सकते है। नीम की निबोरियों से निकला हुआ तेल भी आप इस्तेमाल कर सकते है। यह आपको गंजेपन से राहत व बालों को मजबूती प्रदान करेगा।

2. त्वचा को सुन्दर व फोड़े, मुहांसों को कम करने में सहायक :

कभी -कभी हमारी त्वचा व चेहरे पर फोड़े ,मुहांसे आदि हो जाते है इसके लिए हमे नीम की छाल या पत्तियों को पीसकर उनका लेप लगा लेना चाहिए इससे हमे वहुत राहत मिलती है। नीम की पत्तियों के पानी से चेहरा धोने से मुहांसे ठीक होने लगते है। नीम का प्रयोग त्वचा में उत्पन्न हो रहे हर प्रकार के संक्रमण को रोकने में सहायक है। 

3.  खाज, खुजली, कुष्ठ रोगों, कटे या जल जाने पर राहत  :


खाज या खुजली हो जाने पर हमे नीम की पत्तियों को पानी में अच्छी तरह उबालकर उसके बाद उस पानी को थोड़ा ठंडा होने दे ,इतना ठंडा कि नहाते वक्त हमारी त्वचा जले नहीं इस तरह के पानी से हमे कम से कम एक हफ्ते तक नहाना चाहिए। ऐसा करने से खाज ,खुजली व सभी तरह के कुष्ठ रोगों में वहुत आरामदायक है। 

कटे और जले हुए स्थान पर हमे नीम की पत्ती या नीम की छाल को पीसकर उसका लेप करना चाहिए। 

4.  गठिया व जोड़ों के दर्द में राहत :


बुजुर्ग लोगों में गठिया बाय व जोड़ों के दर्द जैसी समस्याएँ अधिक देखने को मिलती है। इस तरह की बिमारियों में नीम का पानी वहुत कारगर होता है। नीम की पत्तियों को एक कप पानी में उबालकर उस पानी को छानकर हमे हफ्ते में लगभग एक दिन पीना चाहिए। 

जोड़ों के दर्द के लिए नीम की निबोरियों का तेल प्रयोग करें। नीम के तेल को लगाकर रोजाना सारे शरीर की मालिश करने से जोड़ों का दर्द समाप्त हो जाता है। शरीर को रोज एक नई ऊर्जा की प्राप्ति होती है। 

5.  दांतों को मजबूत और सुन्दर बनाने में कारगर :


रोजाना सुबह -सुबह नीम की दांतुन करने से हमारे दांत मजबूत सुंदर बने रहते है। नीम की दांतुन करने से हमारे मसूड़े स्वस्थ और पायरिया जैसी बीमारियों से हमारा सामना नहीं होता है। महंगे -महंगे टूथपेस्टों के स्थान पर हमे नीम की दांतुन का उपयोग करना चाहिए। इससे हमारे धन की भी बचत होती है क्योंकि नीम का पेड़ आसानी से सभी जगह मिल जाता है। 

6.  कान के लिए वहुत उपयोगी :


नीम का तेल कान में डालने से कान की लगभग सभी बीमारियों में राहत मिलती है ,जैसे - कान बहना ( शरह बहना ), कान में खुजली चलना ,कान के अंदर फुन्सी होना आदि।  

7.  पाचन सम्बन्धी समस्याएँ व मुँह में छाले हो जाना :

दोस्तों अधिक तरह बीमारियां पेट के खराब अर्थात पेट की पाचन क्रिया सही नहीं चलने के कारण जन्म लेती है। इसके लिए कम से कम हफ्ते में दो बार सुबह -सुबह खाली पेट नीम की पत्तियों का सेवन करना चाहिए। ऐसा करने से मुँह में छाले ,पेट ख़राब होना ,पेट में गैस बनना जैसी बीमारियों से छुटकारा मिलता है। 

8.  रक्त को सुध्द करने में सहायक :  


नीम की पत्तियों को पीसकर या उन्हें उबालकर पानी को ठंडा करलें और हफ्ते में कम से कम दो बार एक चाय के कप के बराबर सेवन करे। ऐसा करने से हमारे रक्त में उत्पन्न तमाम तरह के अनावश्यक तत्व समाप्त हो जाते है। नीम के पानी या तेल का सेवन शुगर जैसी खतरनाक बीमारियों में भी वहुत कारगर है। 

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