युवा पत्नी, बूढ़ा आदमी और चोर - काकोलूकियम

युवा पत्नी, बूढ़ा आदमी और चोर - काकोलूकियम


वहुत पुरानी बात है एक ग्राम में किसान दम्पती रहा करते थे। किसान उसकी पत्नी को देखते हुए काफी वृद्ध था लेकिन उसकी पत्नी युवती थी। किसान की पत्नी अपने पति से संतुष्ट नहीं थी, इसलिए वह हमेशा अधिकांश पर-पुरुष की टोह में रहती थी, इस कारण एक क्षण भी वह घर में नहीं ठहरती थी। एक दिन जैसे ही वह घर से निकली अचानक किसी ठग ने उसको घर से निकलते हुए देख लिया।

ठग ने उसका पीछा किया और जब देखा कि वह एकान्त में पहुँच गई तो उसके सम्मुख जाकर ठग ने कहा,
“देखो, मेरी पत्नी का अभी कुछ समय पहले देहान्त हो चुका है। मैं तुम पर अनुरक्त हूं और तुम्हे वहुत पसंद करता हूँ । अतः तुम मेरे साथ चल सकती हो।”

किसान पत्नी बोली, “यदि तुम ऐसा ही चाहते हो तो मेरे पति के पास बहुत-सारा धन है, वृद्धावस्था के कारण वह चल-फिर नहीं सकता। मैं उसको अपने साथ लेकर आती हूं, जिससे कि हम दोनों का भविष्य सुखमय और निश्चिन्त होकर बीते।”

ठग बोला  “ठीक है तुम जाओ। कल प्रातःकाल इसी समय इसी स्थान पर में तुम्हारा इंतजार करुँगा ।”

इस तरह उस दिन वह किसान की पत्नी अपने घर लौट गई। रात होने पर जब उसके पति को गहरी नींद आ गई , तो उसने अपने पति का सारा धन समेटा और उसे अपने शिर पर रखकर घर से निकर गई। प्रातःकाल होते ही उस स्थान पर जा पहुंची। दोनों वहां से साथ - साथ चल दिए। दोनों अपने ग्राम से चलकर बहुत दूर निकल आए थे कि तभी मार्ग में एक गहरी नदी आ गई।

नदी को देखकर ठग के मन में उसी समय एक विचार आया कि इस औरत को अपने साथ ले जाकर मैं क्या करूंगा। और कही कोई इसको खोजता हुआ इसके पीछे आ गया तो में इसे कहाँ छिपाऊँगा। इसको साथ रखने पर तो मुझे चारों तरफ संकट ही संकट नजर आता है। अतः किसी प्रकार कुछ ऐसा किया जाये कि इसका सारा धन हथियाकर इससे अपना पीछा छुड़ाना चाहिए। यह विचार कर ठग ने कहा, “नदी बड़ी गहरी है। पहले मैं धन की गठरी को नदी के उस पार रख आता हूं, फिर तुमको अपनी पीठ पर बिठाकर उस पार ले चलूंगा। दोनों को एक साथ ले चलना असंभव है।”

किसान की पत्नी ने कहा “ठीक है, जैसी आपकी मर्जी।” किसान की पत्नी ने जैसे ही अपनी गठरी उसे पकड़ाई तो ठग बोला, “अपने पहने हुए सारे गहने और कपड़े भी दे दो, जिससे बाद में तुम्हे ले जाते समय नदी में चलने में किसी प्रकार की कठिनाई नहीं होगी। और तुम्हारे कपडे भी भीगने से बच जायेगे।”

उस स्त्री ने वैसा ही किया जैसा उस ठगने कहा । इस तरह वह ठग सारा धन, कपडे और गहने लेकर नदी के उस पार चला गया और फिर कभी वापस लौटकर नहीं आया।

वह किसान की पत्नीअपने कुकृत्यों के कारण कहीं की नहीं रही।

शिक्षा :  इसलिए कहता हूँ दोस्तों कि अपनों के साथ कभी भी विश्वासघात नहीं करना चाहिए एवं अपने निजी हित के लिए गलत मार्ग को नहीं अपनाना चाहिए। 

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