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मई, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

साधु और चूहा - मित्र सम्प्राप्ति - पंचतंत्र की कहानी

साधु और चूहा - मित्र सम्प्राप्ति - पंचतंत्र  वहुत पुराने समय की बात है। महिलरोपयम नामक एक स्थान था। उसके दक्षिणी शहर के पास भगवान शिव का एक मंदिर था। वहां एक पवित्र और महान ऋषि रहते थे और मंदिर की देखभाल करते थे। वे भिक्षा के लिए शहर में नियमित रूप से रोजाना जाते थे, और भोजन के लिए शाम को वापस आते थे। वे अपनी आवश्यकता से अधिक सामग्री भिक्षा में एकत्र कर लेते थे और बाकी का बर्तन में डाल कर गरीब मजदूरों में बाँट देते थे, जो बदले में मंदिर की सफाई करते थे और उसे सजावट का काम किया करते थे। उसी आश्रम में एक चूहा भी अपना बिल बनाकर उसमे रहता था और वह रोजाना कटोरे में से कुछ न कुछ भोजन चुरा लिया करता था। कुछ दिनों बाद जब साधु को एहसास हुआ कि एक चूहा भोजन चोरी करता है तो उन्होंने चूहे को रोकने के लिए सभी तरह की कोशिशें की। उन्होंने कटोरे को काफी उचाई पर रख दिया ताकि चूहा वहां तक पहुँच ही न सके, और यहां तक कि एक छड़ी के द्वारा चूहे को मार भगाने की भी कोशिश की, लेकिन चूहा इतना चालाक था कि किसी भी तरह कटोरे तक पहुंचने का रास्ता ढूंढ ही लेता था और कुछ भोजन चुरा लेता था। एक दिन, एक भ...

एक हसीन लड़की राजा के दरबार में डांस कर रही थी...

एक हसीन लड़की राजा के दरबार में डांस कर रही थी...  किस्मत का अनोखा खेल  एक हसीन लड़की  राजा के दरबार में  डांस कर रही थी.....  [ राजा वहुत बदसूरत था  ]  लकड़ी ने राजा से एक  सबाल की इजाजत मांगी  "राजा ने कहा,   "चलो पूछो"  लकड़ी ने कहा ,  " जब हुशन बंट रहा था  तब आप कहाँ थे ? राजा ने गुस्सा नहीं किया मुस्कराते हुए कहा ,  " जब तुम हुशन की  लाइन में खड़ी  हुशन ले रही थी,  " तो उस समय में ,  " किस्मत की लाइन में खड़ा  किस्मत ले रहा था,  और आज  तुम जैसी हुशन वालियां  मेरी गुलाम की तरह नांच रही है.......  " "इसीलिए शायर खूब कहते है , "हुशन ना मांग  नसीब मांग ए दोस्त, हुशन बाले तो अक्सर नसीब बालों के  गुलाम हुआ करते है ....  "जो भाग्य में है , वह भाग कर आएगा , जो नहीं है वह आकर भी  भाग जायेगा .....!!!!!!!!!!!!!" यहाँ सब कुछ बिकता है , दोस्तों रहना जरा संभल के , बेचने बाले हवा भी बेच देते है , गुब्बारों में डाल के, ...

सम्पूर्ण चाणक्य नीति हिंदी में / Complete chankya niti in hindi

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सम्पूर्ण चाणक्य नीति हिंदी में / Complete chankya niti in hindi सम्पूर्ण चाणक्य नीति  आचार्य चाणक्य चन्द्रगुप्त मौर्य के महामंत्री थे। वे कौटिल्य नाम से भी जाने जाते थे। चाणक्य तक्षशिला विश्वविद्यालय के आचार्य थे। उन्होंने नंदवंश का नाश करके चन्द्रगुप्त मौर्य को राजा बनाया। Acharya Chanakya was the general secretary of Chandragupta Maurya. He was also known by the name Kautilya. Chanakya was the Acharya of Taxila University. He destroyed Chandragupta Maurya by destroying the Nanda dynasty.   आचार्य चाणक्य एक ऐसी महान आत्मा थे, जिन्होंने अपनी विद्वत्ता, बुद्धिमता और क्षमता के बल पर भारतीय इतिहास की धारा को बदल दिया। इनके जीवन की घटनाओं का विशेष संबंध मौर्य चंद्रगुप्त की राज्यप्राप्ति से है। ये उस समय के एक प्रसिद्ध विद्वान थे, इसमें कोई संदेह नहीं। कहते हैं कि चाणक्य राजसी ठाट-बाट से दूर एक छोटी सी कुटिया में रहते थे। चाणक्य कुशल राजनीतिज्ञ, चतुर कूटनीतिज्ञ, प्रकांड अर्थशास्त्री के रूप में भी विश्वविख्‍यात हुए। Acharya Chanakya was one such great soul who ch...

quran on stranger , what is the quran for humanity कुरान क्या आदेश देती है गैरमुस्लिमों के लिए

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कुरान क्या आदेश देती है गैरमुस्लिमों के लिए  १ .कुरान आपको सिर्फ मारने का नहीं बल्कि तड़पा - तड़पाकर मारने का आदेश देती है। स्कवाड्रन लीडर अजय आहूजा को 12 घंटे से ज्यादा समय तक टार्चर करके मारा गया। 1. The Quran orders you not only to kill but to torture - to kill. Squadron leader Ajay Ahuja was killed by torturing for more than 12 hours.  २ .कैप्टन सौरभ कालिया के साथ हुई नृशंसता को लिखने के लिए मेरे पास शब्द नहीं है। 2. I do not have the word to write the brutality that happened to Captain Saurabh Kalia. ३ .पृथ्वीराज चौहान को अँधा करके मारा गया, जबकि पृथ्वीराज चौहान ने मुहम्मद गौरी को 16 बार युध्द में पराजित किया और उसे माफ़ कर दिया! 3. Prithviraj Chauhan was killed by blindfolding, while Prithviraj Chauhan defeated Muhammad Gauri 16 times in battle and pardoned him!  ४ .गुरु अर्जुनदेव जी को गर्म तवे पर बैठाने के बाद उन पर खौलती हुई रेत डालकर मारा गया। 4. Guru Arjun Dev ji was killed by putting boiling sand on him after sitting on a hot pan. ५ .गुरु त...

how to fight isreal with terrorist / इजराइल ने आतंकियों का किस तरह सफाया किया

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how to fight isreal with terrorist  भारत को भी इजराइल से सीख लेनी चाहिए  आतंकी  आज जिस दौर से भारत गुजर रहा है, विल्कुल वैसे ही कुछ वर्ष पहले इजराइल भी उसी दौर से गुजरा था। वहां भी एक आतंकी की मौत पर हजारों की भीड़ जमा हो जाती थी ,और फिर सैनिकों पर पथराब करती थी। विल्कुल वैसे ही जैसे आज भारत में हो रहा है। इस समस्या से निपटने के लिए इजराइल ने एक छोटी सी बैठक की थी। उस बैठक में बड़े - बड़े अधिकारीयों ने भाग लिया।  The way India is going through today, Wilkul likewise passed through Israel a few years ago. Thousands of people gathered there on the death of a terrorist, and then threw stones at the soldiers. The same way as is happening in India today. Israel had a small meeting to deal with this problem. Big officials attended that meeting. मोसाद फोर्स ने कहा हम मात्र तीन दिन में यह समस्या हल कर देंगे। अगले ही दिन मोसाद ने 5 ,6 अलग - अलग शहरों में सिर्फ एक - एक आतंकी को चौराहे पर गोली मारी ,शहर के प्रत्येक चौराहे पर हजारों की संख्या में आतंकी जुलुस करने ...

Chankya niti : Chapter-17 [ Chankya niti in hindi ] चाणक्य नीति : अध्याय - सत्रहवाँ [ हिंदी में ]

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Chankya niti : Chapter-17 [ Chankya niti in hindi ] Chapter-Seventeen chankya niti अध्याय सोलहवां : CHAPTER-16 अध्याय प्रथम : CHAPTER-1 1. वह विद्वान जिसने असंख्य किताबों का अध्ययन बिना सद्गुरु के आशीर्वाद से कर लिया वह विद्वानों की सभा में एक सच्चे विद्वान के रूप में नहीं चमकता है। उसी प्रकार जिस प्रकार एक नाजायज औलाद को दुनिया में कोई प्रतिष्ठा हासिल नहीं होती।  The scholar who has acquired knowledge by studying innumerable books without the blessings of a bonafide spiritual master does not shine in an assembly of truly learned men just as an illegitimate child is not honoured in society. 2. हमें दूसरों से जो मदद प्राप्त हुई है उसे हमें लौटना चाहिए, उसी प्रकार यदि किसी ने हमसे यदि दुष्टता की है तो हमें भी उससे दुष्टता करनी चाहिए, ऐसा करने में कोई पाप नहीं है।  We should repay the favours of others by acts of kindness; so also should we return evil for evil in which there is no sin, for it is necessary to pay a wicked man in his own coin. 3. वह चीज जो ...

Chankya niti : Chapter-16 [ Chankya niti in hindi ] चाणक्य नीति : अध्याय - सोलहवां [ हिंदी में ]

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Chankya niti : Chapter-16 [ Chankya niti in hindi ] Chapter-sixteenth अध्याय पन्द्रहवां : CHAPTER-15 अध्याय सत्रहवाँ : CHAPTER-17 chankya niti स्त्री का ह्रदय पूर्ण नहीं है वह बटा हुआ है वह कभी भी एक व्यक्ति से प्रेम नहीं करती , जब वह एक आदमी से बात करती है तो दूसरे की ओर वासना से देखती है और मन में तीसरे को चाहती है।  A woman's heart is not complete, she is divided, she never loves one person, when she talks to one man, she looks with lust towards another and wants the third in the mind. मूर्ख को लगता है की वह हसीन लड़की उसे प्यार करती है, वह मूर्ख व्यक्ति अपनी इस मूर्खता के कारण उसका गुलाम बन जाता है और उसके इशारो पर नाचता है। The fool thinks that that beautiful girl loves him, that fool becomes a slave because of his stupidity and dances at his gestures. ऐसा यहाँ कौन है जिसमे दौलत पाने के बाद मस्ती नहीं आई, क्या कोई बेलगाम आदमी अपने संकटों पर रोक लगा पाया, इस दुनिया में किस आदमी को औरत ने कब्जे में नहीं किया, किस के ऊपर राजा की हरदम मेहरबानी रही, किसके ...

Chankya niti : Chapter-15 [ Chankya niti in hindi ] चाणक्य नीति : अध्याय - पन्द्रहवां [ हिंदी में ]

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Chankya niti : Chapter-15 [ Chankya niti in hindi ] Chapter-Fifteenth chankya niti अध्याय चौदहवां : CHAPTER-14 अध्याय सोलहवां : CHAPTER-16 वह व्यक्ति जिसका ह्रदय हर प्राणी मात्र के प्रति करुणा से पिघलता है, उसे जरुरत क्या है किसी ज्ञान की, मुक्ति की, सर के ऊपर जटाजूट रखने की और अपने शरीर पर राख मलने की।  For one whose heart melts with compassion for all creatures; what is the necessity of knowledge, liberation, matted hair on the head, and smearing the body with ashes. इस दुनिया में वह खजाना नहीं है जो आपको आपके सदगुरु ने ज्ञान का एक अक्षर दिया उसके कर्जे से मुक्त कर सके।  There is no treasure on earth the gift of which will cancel the debt a disciple owes his guru for having taught him even a single letter ( that leads to Krishna consciousness). कांटो से और दुष्ट लोगो से बचने के दो उपाय है, पैर में जुते पहनो और उन्हें इतना शर्मसार करो कि वो अपना सर उठा ना सके और आपसे दूर रहे।  There are two ways to get rid of thorns and wicked persons; using ...

Chankya niti : Chapter-14 [ Chankya niti in hindi ] चाणक्य नीति : अध्याय - चौदहवां [ हिंदी में ]

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Chankya niti : Chapter-14 [ Chankya niti in hindi ] Chapter-Fourteenth chankya niti अध्याय तेरहवां : CHAPTER-13 अध्याय पन्द्रहवां : CHAPTER-15 गरीबी, दुःख और एक बंदी का जीवन यह सब व्यक्ति के किए हुए पापो का ही फल होता है।  Poverty, disease, sorrow, imprisonment and other evils are the fruits borne by the tree of one's own sins. आप अपनी दौलत, मित्र, पत्नी और राज्य गवाकर वापस पा सकते है लेकिन यदि आप अपनी काया गवा देते है तो कभी वापस नहीं मिलेगी।  You can get back your wealth, friend, wife and kingdom by losing it but if you lose your body then you will never get it back. यदि हम बड़ी संख्या में एकत्रित हो जाए तो दुश्मन को हरा सकते है, उसी प्रकार जैसे घास के तिनके एक दुसरे के साथ रहने के कारण भारी बारिश में भी क्षय नहीं होते।  The enemy can be overcome by the union of large numbers, just as grass through its collectiveness wards off erosion caused by heavy rainfall. पानी पर तेल, एक कमीने आदमी को बताया हुआ राज, एक लायक व्यक्ति को दिया हुआ दा...

Chankya niti : Chapter-13 [ Chankya niti in hindi ] चाणक्य नीति : अध्याय तेरहवां [ हिंदी में ]

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Chankya niti : Chapter-13 [ Chankya niti in hindi ] Chapter-Thirteenth CHANKYA NITI अध्याय बारहवां : CHAPTER-12 अध्याय चौदहवां : CHAPTER-14 1. यदि आदमी एक पल के लिए भी जिए तो भी उस पल को वह शुभ कर्म करने में खर्च करे अर्थात अपना समय शुभ कार्यो में लगाए। एक कल्प तक जी कर कोई लाभ नहीं, दोनों लोक इस लोक और पर-लोक में तकलीफ होती है।  1. Even if a man lives for a moment, he should spend that moment in performing auspicious deeds, that is, spend his time in auspicious works. There is no benefit by living for one cycle (4,320,000 *1000 years), both this world and the other people suffer. 2. हम उसके लिए ना पछताए जो बीत गया, हम भविष्य की चिंता भी ना करे, विवेक बुद्धि रखने वाले लोग केवल वर्तमान में जीते है।  We should not fret for what is past, nor should we be anxious about the future; men of discernment deal only with the present moment. 3. यह देवताओं का, संत जनों का और पालकों का स्वभाव है कि वे अतिशीघ्र प्रसन्न हो जाते है। निकट के और दूर के रिश्तेदार तब प्रसन्...