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फ़रवरी, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

सफलता के मार्ग पर निडर आगे बढ़ने के लिए कुछ प्रेरक विचार

दोस्तों इस दुनिया में प्रत्येक व्यक्ति अपने कार्यो को सफलता पूर्वक अंजाम देना चाहता है! सभी को सफलता चाहिए ! कभी कभी सफलता के मार्ग पर चलते हुए लोगों का सामना कुछ कठिनाइयों से हो जाता है ! उन कठिनाइयों को देखकर लोग अपने मार्ग से भटककर अपने कार्य को बीच राह में ही छोड़ देते है ! ऐसी परिस्थितियों में अपने कार्य को अंजाम तक पहुँचाने के लिए हमें सकारात्मक सोच की जरुरत पड़ती है ! और इस सोच की कमी को पूरा करने के लिए हम प्रेरक विचार पड़ते हैं ! उन विचारों से हम अपने आपको मोटीवेट कर सकते है ! और सफलता पूर्वक अपने कार्य को अंजाम देते है ! Friends, every person in this world wants to do his work successfully! Everyone wants success! Sometimes people face some difficulties while walking on the path of success! Seeing those difficulties, people stray from their path and leave their work in the middle. In such circumstances, we need positive thinking to achieve our task. And to overcome this lack of thinking, we have inspiring ideas! With those thoughts, we can motive ourselves! And successfull...

बन्दर और मगरमच्छ पंचतंत्र-लब्धप्रणाश की प्रेरक कहानी

बन्दर और मगरमच्छ-लब्धप्रणाश  monkey and crocodile  एक तालाब के किनारे एक आम के पेड़ पर एक बन्दर रहता था। वह बन्दर बहुत ही चतुर और चालक था। एक दिन उस बन्दर की मुलाकात एक मगरमच्छ से हुई। जोकि उस तालाब में रहता था। बातों ही बातों में दोनों में गहरी मित्रता हो गई। बन्दर रोजाना आम के पेड़ से मगरमच्छ को खाने के लिए मीठे मीठे आम देने लग गया। एक दिन मगरमच्छ कुछ मीठे आम अपनी पत्नी के लिए ले गया और उसे खिलाये। इतने मीठे और स्वादिष्ट आम खाने के बाद मगरमच्छ की पत्नी ने सोचा जो बन्दर रोजाना इतने मीठे आम खाता है उसका दिल भी बहुत मीठा होगा। इस तरह उसने अपने पति मगरमच्छ से उस बन्दर का दिल लाने के लिए जिद करने लगी।  मगरमच्छ अपनी पत्नी की जिद के आगे मजबूर हो गया, और मगरमच्छ ने बन्दर का दिल लाने के लिए एक योजना बनाई। एक दिन मगरमछ ने अपनी योजनानुसार उस बन्दर से कहा कि मित्र तुम्हारी भाभी तुमसे मिलना चाहती है। इसलिए तुम मेरी पीठ पर बैठ जाओ ताकि में सुरक्षित तुम्हें अपने घर ले जा सकू। बन्दर ने अपने मित्र की बात का भरोसा किया और पेड़ से कूदकर अपने मित्र मगरमच्छ  की...

बेस्ट मोटिवेशनल हिंदी कहानी, तीतर और बाज

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तीतर और बाज  pheasant and eagle  motivational hindi story  दोस्तों जंगल में एक बरगद का पेड़ था। वह पेड़ बहुत ही बिशाल था। उस बरगद के पेड़ पर बाज और बाजिनी का जोड़ा रहता था। उस पेड़ के ऊपर उन्होंने अपना घोंसला बना रखा था। उसमें बाज बाजिनि के अण्डे रखे थे। उस बरगद के पेड़ की जड़ के नीचे एक तीतर का आसियाना था। उसमे तीतर के अंडे थे। एक दिन आंधी तूफान आया और इस तूफान के कारण बाज के अण्डों में से एक अण्डा ऊपर से गिरकर तीतर के अण्डों में जाकर मिल गया।  Friends there was a banyan tree in the forest. That tree was very big. There used to be a pair of eagle and bajini on that banyan tree. They had built their nest on that tree. The eagle eggs were placed in it.  Under the root of that banyan tree was a pheasant. It had pheasant eggs. One day a typhoon came and due to this storm one of the eagle's eggs fell from above and got into the pheasant's eggs. eggs under the tree  समय बीतता गया और अण्डा फूटा बाज का बच्चा उस अण्डे से बाहर निकला। वह वच्चा यह सोचत...

प्रेरक हिंदी कहानी, short motivational hindi stories, खरगोश और लोमड़ी

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खरगोश और लोमड़ी  प्रेरक हिंदी कहानी  short hindi story  दोस्तों एक बार जंगल  के राजा शेर ने एक दौड़ की प्रतियोगिता का आयोजन किया। उस प्रतियोगिता में जंगल के सभी जानवरों को भाग लेने के ये लिए आमंत्रित किया गया। प्रतियोगिता शरू हुई सभी जानवर दौड़ने लगे। अचानक उनमें से दो जानवर खरगोश और लोमड़ी अचानक एक गहरे गड्ढे में गिर गए। जब अन्य जानवरों ने देखा तो चिल्लाने लगे कि तुम  इस गड्ढे से नहीं निकल सकते क्योकि यह गड्ढा तो बहुत गहरा है। अब तुम इस गड्ढे से बाहार निकलने की उम्मीद छोड़ दो।  Friends once the forest king lion organized a race competition. All animals of the forest were invited to participate in that competition. All the animals started running the competition. Suddenly two of them animal rabbit and fox suddenly fell into a deep pit. When other animals saw it, they shouted that you cannot get out of this pit because this pit is very deep. Now you leave the hope of getting out of this pit. running race  खरगोश और लोमड़ी ने शायद ऊपर ख...

Rochak jankari

जो मुस्लिम भाई मेरी पोस्ट पढ़कर खफा हों में उन्हें बताना चाहता हूँ, कि मुझे कसाब जैसे कुत्ते से दिक्कत है, ना कि कलाम और अब्दुल हमीद जैसे देशभक्त से। 

अच्छे विचार, पड़ने योग्य बातें

अच्छे विचार (Good Thought) समाज का नुकसान बुरे लोगों से नहीं होता ।  "बल्कि " अच्छे लोगों के चुप रहने से होता है।  Society does not harm bad people. "Rather" is caused by the silence of good people. पाकिस्तान का प्रत्येक हिन्दू भारत आना चाहता है ,,, लेकिन भारत का एक भी मुसलमान पाकिस्तान नहीं जाना चाहता,,,,,,,,,,,एकान्त में कभी विचार किया हैं आपने,,,,,,कमेंट में जबाब जरूर दें।  Every Hindu of Pakistan wants to come to India ,,, but not a single Muslim of India wants to go to Pakistan.  Have you ever considered in isolation.   जिंदगी में मनुष्य को कुछ नेक काम ऐसे भी करने चाहिए , जिनका खुदा के शिवाय कोई दूसरा गवाह नहीं  हो....... !  In life, a man should do some noble work in such a way that, apart from God, there is no other witness ……!   तब तक कमाओ जब तक कोई महँगी चीज सस्ती न लगने लगे , चाहे बो सम्मान हो या सामान।  Earn until an expensive item starts to become cheap, whether it is like luggage...

हाजिर जबाब तेनालीराम की मजेदार कहानी

हाजिर जबाब  एक बार की बात हैं महाराज साहब किसी बात पर तेनालीराम से नाराज हो गए। महाराज साहब बहुत गुस्से में थे। उन्होंने भरी राजसभा में सभी राजदरबरियों के सामने तेनालीराम से कह दिया कि कल से मुझे दरबार में अपना मुँह मत दिखाना। उसी समय तेनालीराम महाराज की बात सुनकर दरबार से निकल गया।  अगले दिन जब महाराज महल में घूम रहे थे तभी एक चुगलखोर ने महाराज साहब को यह कह दिया कि तेनालीराम आपके आदेश के खिलाफ दरबार में आ चुका हैं। यह सुनकर महाराज बहुत क्रोधित हुए और महाराज का क्रोध मनो जैसे आसमान छू रहा हो। तभी उस चुगलखोर दरबारी ने आग में घी डालने जैसा काम और कर दिया , दरबारी ने कहा कि महाराज आपने साफ साफ कहा था कि दरबार में आने पर कोड़े पड़ेंगे , इसकी भी उसने कोई नहीं की। महाराज अब तो तेनालीराम आपके आदेश की भी अभेलना करने लगा हैं।  यह बात सुनकर महाराज सीधे दरबार में पहुंचे। उन्होंने देखा कि तेनालीराम ने एक मिट्टी का घड़ा अपने सर पर ले रखा है। और वह विचित्र विचित्र पटाकर की हरकतें कर रहा है। और उसने घड़े के चारों तरफ भूत प्रेतों जैसे अनेकों निसान लगा रखे हैं। महाराज ने द...

भेड़िया और लड़का / charwaha aur bhediya ki kahani

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झूँठ का फल  चरवाहा और भेड़िया  एक समय की बात हैं। एक गांव का लड़का भेड़ और बकरियों को चराने के लिए जंगल में जाया करता था। वह चरवाहा लड़का वहुत ही धूर्त और झूठा था। भेड़ें दिनभर चरती रहती थी वह बैठा रहता था। वह बैठा -बैठा ऊब जाता था इसलिए वह अपने मनोरंजन के लिए कुछ न कुछ सोचता रहता था। वह हमेशा यही सोचता रहता था की गांव बालों को या किसी अन्य को बेवकूफ कैसे बनाया जाय। वह दूसरों का मजाक बनाने के लिए नई नई योजनाएं बनाने में ही लगा रहता था। और उसे ऐसा करने में बहुत ही मजा आता था।    वह एक दिन जंगल में भेड़ चराने गया। जंगल के पास ही किसानों के खेत थे। किसान अपने खेतों में काम कर रहे थे। उन किसानो को देखकर उस लड़के ने सोचा क्यों न आज इन किसानों को बेवकूफ बनाया जय। वह सोचने लगा ऐसा क्या काम किया जाये कि सारे किसान अपना अपना काम छोड़कर परेशान होने लगे। अचानक उसके दिमाग में एक घटिया और गन्दा विचार आया।  वह चरवाहा लड़का जोर जोर से चिल्लाने लगा। वचाओ... , वचाओ... ! भेड़िया आ गया। कोई मेरी सहायता करो।  सभी किसान लड़के की चिल्लाने की आवाज सुनकर, अपना अपना ...

बीरबल की बुद्धमानी

                                      बीरबल की बुद्धमानी पुराने समय की बात है। आम की फसल के दिन थे। एक दिन अकबर बादशाह अपनी बेगम के साथ बैठकर आम खा रहे थे। बादशाह आम खा - खाकर उनकी गुठलियां और छिलकों को अपनी बेगम के आगे डालते जा रहे थे। अचानक बीरबल वहां आ पहुंचे।  बादशाह ने बीरबल को वहां देखकर मुस्कराते हुए कहा , देखो बीरबल यह बेगम कितनी पेटू है। में अभी तक एक आम भी नहीं खा पाया हूँ और इन्होंने कितने आम खा डाले।  बेगम इस मजाक का उत्तर नहीं दे पायीं और लजाकर रह गई। बेगम बीरबल के सामने बहुत ही शर्मिन्दा हुई।  बड़ी शर्म के साथ बेगम बीरबल की तरफ देख रहीं थी।  इतना सब कुछ देखने के बाद बीरबल से भी चुप नहीं रहा गया , और बीरबल ने फ़ौरन बादशाह को उत्तर दे डाला  जहाँपनाह कुसूर के लिए मांफी चाहता हूँ। " बेगम साहिबा अधिक आम खाकर छिलके व गुठलियां तो छोड़ देती है। पर हुजूर आप तो उन्हें भी नहीं छोड़ते , क्योंकि आप के सामने तो गुठलियां भी नहीं है। हुजूर आप तो आम के स...

मज़ेदार चुटकले!! Funny jokes!! hansi ke chutkle, majedar chutkale

funny jokes (मजेदार चुटकले ) एक बार की बात है विद्यालय में एक अध्यापक ने अपने छात्रों के लिए " क्रिकेट मैच " पर निबन्ध लिखने के लिए बोला। सभी छात्र अपनी अपनी कॉपी लेकर निबन्ध लिखने लगे। उनमें से एक छात्र चुपचाप बैठा था। उस छात्र का नाम था गंगूराम। अध्यापक ने सभी छात्रों की कॉपी देखना शुरू किया। जब गंगूराम का नंबर आया और अध्यापक ने कॉपी देखी। कॉपी देखते ही अध्यापक बेहोश हो गया।  उस कॉपी पर सिर्फ एक लाइन लिखी थी। ( बारिश के कारण मैच स्थगित कर दिया है। ) Once upon a time, a teacher in the school asked him to write a essay on "cricket matches" for his students. All students started writing the essay with their own copies. One of them was sitting quietly. The name of that student was Ganguram. The teacher started looking at the copy of all the students. When Ganguram's number came and the teacher saw the copy. The teacher fainted upon seeing the copy.Only one line was written on that copy. (Match p...

क्या सूरदास जन्म से अंधे थे / सूरदास अंधे कैसे हुए

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भाग 2  भाग 1  के लिए लिंक पर क्लिक करें https://acchisalaah.blogspot.com/2020/02/blog-post_19.html चिंतामणि कहती है, हां भैया !आज से तू मेरा भाई है मैं आपकी छोटी बहन हूं! भाई तेरा कल्याण हो...!  तेरा उद्धार हो भाई.... ! तुझे भक्ति मिले भाई...! तुझे प्रभु का प्रेम मिले। मेरी जैसी दुष्ट महिला की छाया भी तुझ पर न पड़े। मेरे भाई मैं तुझे आशीर्वाद देती हूं। बिल्वमंगल का दिल बदल गया और कहने लगा। Chintamani says, "Yes brother! From today you are my brother, I am your younger sister!" Brother, are you well…! May you be saved brother !! May you have devotion, brother…! May you have the love of God. Let not the shadow of a wicked woman like me fall on you. I bless you, my brother. Bilvamangal changed his heart and started saying. हे देवी! मेरे लिए तेरा यह द्वार नहीं खुलेगा तो और किसी का भी द्वार में नहीं खटखटाऊंगा आज के बाद मैं कभी अपने घर नहीं जाऊंगा। आज के बाद किसी संबंधी के घर नहीं जाऊंगा। जो सबका घर है, जो ...

सूरदास अन्धे कैसे हुए / क्या सूरदास जन्म से अंधे थे

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  सूरदास  अन्धे कैसे हुए   भाग 1 प्रेरक हिंदी कहानी सावन का महीना था! रात्रि का समय था! जोरों की वर्षा हो रही थी! यमुना नदी पागल-सी होकर बह रही थी! आंधी तूफान चल रहा था! वृछ गिर रहे थे! घनघोर रात्रि में बिजली चमक रही थी! बिल्वमंगल के दिमाग में काम- विकार का कीड़ा कुरेद रहा था! It was month of rains! It was night! It was raining heavily! Yamuna river was flowing madly! The thunderstorm was moving! The trees were falling! Lightning was shining in the pouring night! In Bilvamangal's mind, the worm of work-disorder was crushed! वह उठा! घर का दरवाजा खोला! अपनी पत्नी का त्याग करके घनघोर अंधकार में, बरसती बरसात में चल पड़ा! बिजली के चमकारे में अपनी पगडंडी खोजता हुआ जा रहा था अपनी प्रेयसी चिंतामणि वैश्या की इमारत की ओर उफनती हुई उस यमुना नदी के उस पार! He woke up! Opened the door of the house After abandoning his wife, he walked in the pouring darkness, in the pouring rain! Looking for his footpath...